सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री, हिंदुस्तान ।
दिनांक:-25 अप्रैल 2015
विषय:-किसानों को सरकारी कर्मचारी घोषित कर सैनिकों के समकक्ष वेतनमान व अन्य
सुविधा देने हेतु ।
जय जवान ! जय किसान ! जय विज्ञान का नारा मात्र एक ढोंग लगता था और ढोंग लगता
है क्योंकि जवान, किसान और विज्ञान के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं कर किसान के साथ
सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है । सरकारों द्वारा किसानों के साथ जवानों जैसा
व्यवहार करना और सुविधा देना तो दूर उल्टे किसानों का शोषण और उन्हें गुमराह किया
जाता है इसका प्रमाण यह है कि सरकारें किसानों की तुलना जवानों से करती है लेकिन
किसानों को ना तो जवानों जैसा वेतन देती है ना उनके बच्चों को शिक्षित करने की
व्यवस्था करती है, ना चिकित्सा सुविधा देती है ना उनके आश्रितों को किसी प्रकार की
राहत या सुविधा देती है और ना हीं जवानों जैसा सम्मान देती है ।
केवल पूर्व की सरकारें हीं नहीं बल्कि वर्तमान सरकारें भी किसानों को उपेक्षित
रखना चाहती है और उनके अस्तित्वा को मिटाना चाहती है इसलिए वर्तमान सरकारें
किसानों को लौलीपॉपनुमा सुविधा देने का ड्रामा करती है और अधिग्रहण व अन्य लौलीपॉपनुमा
सुविधा के नाम पर किसानों के अस्तित्व का संकट पैदा करती है ।
ऐसे माहौल में सरकारों को चाहिए कि जय जवान, जय किसान के नारा में से किसान को
हटा फेंकें या सरकारों को जवानों के समकक्ष वेतनमान के साथ जवानों को मिलने वाले अन्य
सुविधाओं के साथ सम्मान दे अन्यथा देश के सभी लोगों को उधयोगों में बनने वाले कल
पुर्जे या वस्तुओं के साथ सरकारों द्वारा नीतियाँ लिखित कागजों को खाने की आदत
डालनी चाहिए क्योंकि किसान नहीं रहेंगे तो खाने की वस्तु कौन देगा ।
अतः मेरा सिर्फ गंभीर निति निर्धारकों से निवेदन है कि किसानों को जवानों के
समतुल्य वेतन के साथ अन्य सभी सुविधा देने का प्रावधान अविलम्ब बनाया और लागु किया
जाए ।
प्रतिलिपि प्रेषित:-अन्य सभी मनानिय प्राप्तकर्तागण ।
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पत्रकार (दैनिक हिंदी अखबार)
सचिव (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ बिहार)
सलाहकार (ऑनलाइन मल्टी-कंप्लेंट)
आरटीआई कार्यकर्ता (बिहार राज्य सुचना का अधिकार मंच)
कार्यकर्ता (बिहार मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान)
निदेशक (राजनीतिक कोचिंग संस्थान)
समाज सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान घाट,
थाना-बुद्धा कॉलोनी, पटना-800001, बिहार (भारत)
AADHAAR
No-338811430082
CM, Bihar 25-4-15 Complaint Number-99999-25041501382
DARPG 25-4-15 Complaint Number-DARPG/E/2015/047302
President, India 25-4-15 Complaint Number-PRSEC/E/2015/037692