Wednesday, 10 June 2015

संवैधानिक स्तम्भ "पत्रकारिता" की हत्या

सेवा में,
माननीय प्रधान मंत्री, (हिन्दुस्तान)
दिनांक:-09 जून 2015
विषय:-उत्तर प्रदेश के पत्रकार शहीद जगेन्द्र सिंह के खिलाफ लगे सभी आरोपों और उसे जिन्दा जलाने के मामले की अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच करवाने, फर्जी मोकदमा और जिन्दा जलाने और जलवाने के आरोपियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल करवाने और पत्रकार के परिवार को पचास लाख रूपये का मुआवजा देने, उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी देने और केंद्र सरकार द्वारा पत्रकार से संबंधी शिकायत के त्वरित निबटारा और सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन शुरू करने के सम्बन्ध में  ।
महाशय,
दुखीपूर्वक कहना चाहता हूँ कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के विरोध में पत्रकार जगेन्द्र सिंह की हत्या कर दी और किसी राज्य और केन्द्रीय संस्थाओं ने ना हीं इसकी जिम्मेदारी ली, इस तरह की आतंकवाद के खिलाफ स्वतः संज्ञान लिया, आर्थिक व अन्य प्रकार के मदद की घोषणा की ना हीं इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस करवाई और घोषणा की ।
आम तौर पर ऐसा देखा और सुना जाता है कि किसी अमानवीय, उग्रवादी और आतंकवादी हमले की जिम्मेवारी कोई आतंकवादी, उग्रवादी या कोई संगठन या व्यक्ति ले लेता है ।
देश में ऐसी भी परंपरा रही है कि ऐसी अमानवीय घटनाओं के उपरांत मानवाधिकार संगठन या न्यापालिका स्वतः संज्ञान लेती है किन्तु जगेन्द्र सिंह के मामले में अभी तक ऐसा नहीं देखा गया है जो राष्ट्रविरोधी प्रतीत होता है ।   
पत्रकार जगेन्द्र सिंह के ऊपर हो रहे अत्याचार की कहानी कोई नहीं बात नहीं है, पत्रकारिता के विरोध में हो रहे उनके ऊपर अत्याचार की कहानी काफी लम्बी, पुरानी और शाषनात्मक है जिसे राज्य की जांच एजेंसी से जांच कराना अव्यवहारिक है । मामले की सीबीआई जांच भी फलदायक प्रतीत नहीं होता है क्योंकि मामला केंद्र और राज्य और राजनीतिक पेंच में उलझ कर अनसुलझे रह जाते हैं अतः किसी अन्तराष्ट्रीय जांच एजेंसी से मामले की जांच करवाना, उसका स्पीडी ट्रायल करवाना उचित और न्यायिक प्रतीत होता है ।
अतः श्रीमान् से निवेदन है कि मामले की जांच किसी अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने का आदेश दिया जाए, जांचोपरांत मामले का स्पीडी ट्रायल करवाया जाए, शहीद पत्रकार के परिजन को पचास लाख रूपये का मुआवजा दिया जाए, उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए, साथ देश भर के पत्रकारों की सुरक्षा और शिकायत निबटारे के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर हेल्पलाइन शुरू करने का आदेश दिया जाए ।
अनुलग्नक:-समाचार पत्र की प्रति ।

प्रतिलिपि प्रेषित:-
1.       माननीय राष्ट्रपति, भारत ।
2.       माननीय मुख्या न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय, भारत ।
3.       माननीय गृह मंत्री, भारत सरकार ।
4.       व अन्य गणमान्य एवं संबंधित प्राप्तकर्ता गण ।


आपका  विश्वासभाजन
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पत्रकार (दैनिक हिंदी अखबार)
सचिव (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ़ बिहार)
सलाहकार (ऑनलाइन शिकायत)
निदेशक (राजनितिक कोचिंग संस्थान)
आरटीआई कार्यकर्ता (बिहार सुचना का अधिकार मंच)
कार्यकर्ता (बिहार मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान)
समाज सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान घाट,
थाना-बुद्धा कॉलोनी, पटना-800001, बिहार (भारत)
ईमेल:-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
DARPG 9-6-15 COMPLAINT NUMBER- DARPG/E/2015/070912
President 9-6-15 PRSEC/E/2015/051032



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