Tuesday, 26 June 2018

बिहार में शिक्षा निति-निर्धारकों को लज्जित करने वाला राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित मेरे पत्र के बाद बिहार सरकार द्वारा बिहार की बदहाल शिक्षा में अहम् सुधार के लिए सरकारी विद्यालयों में डिजिटल क्लास की शुरुआत !







कॉलेज और यूनिवर्सिटी में नामांकन का धंधा करने वाले टीचिंग, नॉन-टीचिंग स्टाफ और दलाल को रोकने हेतु माननीय राज्यपाल से मेरी मांग और सुझाव पर अमल शुरू !




केंद्र सरकार की थिंक-टैंक "नीति-आयोग ने 09-03-2018 को मेरे सुझाव-पत्र के बाद आर्थिक पैकेज मांगने वालों राज्यों को मेरे सुझाव के अनरूप काम करने का विचार सुझाया !



बिहार SSC परीक्षा को लेकर मेरी शिकायत के दो साल के बाद परीक्षा चोर और परीक्षा घोटाला राज्य के अधिकारीयों को SSC परीक्षा में पारदर्शिता हेतु बदलाव का विचार आया !



DGP, बिहार को मेरे RTI आवेदन के बाद वैसे पुलिस अधिकारियों की तालाश शुरू हो गयी जो तीन साल से अधिक समय तक एक हीं जिला में खूंटा गाड़े हुए हैं !



15 साल पहले हाईकोर्ट चलाती थी सरकार और अब फिर से हाईकोर्ट चलाने लगी है सरकार ! गर्दनीबाग अस्पताल से कूड़ा डंपिंग हटाने की मेरी तीन साल पुरानी मांग पर भी सर्कसरुपी सरकार में काम करने वाले अधिकारी मस्त !




20 नवम्बर 2017 को डीएम कार्यालय, पटना में कर्मचारी द्वारा अराजकता की प्रधानमंत्री कार्यालय से शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए कई कर्मचारियों का वेतन रोका !




लोकतंत्र में फर्जी मतदाताओं द्वारा चुनावी-लोकतंत्र के मजाक को रोकने हेतु वोटर आई० डी० को आधार से जोड़ने के मेरे सुझाव पर सकारात्मक प्रयास की शुरुआत !



बलात्कार की लगातार बढती घटनाओं के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत देश को लज्जित करने वाला 19-02-2015 और 10-04-2018 को मेरे पत्र के बाद बना बलात्कारियों को फांसी देने का कानून !!




किसी लड़की के नाम पर बने गीतों को रोकने का एक दूसरा प्रयास !!




निजी क्षेत्र में कर्मचारियों के पशुकरण की बिहार और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों और देश के प्रधानमंत्री को मेरी शिकायत के बाद दिल्ली सरकार ने कम वेतन देने वालों को तीन साल की सजा का प्रावधान किया, वहीँ बिहार सरकार ने खानापूर्ति करने में दिन-रात जुटी हुई है !!




जैविक, विकृत-सामाजिकता और अंग्रेजी मानसिकता वाले पुलिस-प्रशासन के अलोक में मैंने SC/ST के लिए भत्ता की केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की थी जिसे बिहार सरकार ने आंशिक रूप से 08-05-2018 को स्वीकार करते हुए पारित कर दिया ।



वैज्ञानिक जांच की पांच वर्षों से अधिक पुरानी मेरी मांग पर अल्पकालिक पुलिस महानिदेशक, बिहार द्वारा अमल का निर्देश !



पटना पुलिस लाइन की दयनीय हालत के उपरांत मेरे RTI आवेदन के वास्तविक जवाब में पुलिस लाइन के भव्य निर्माण हेतु राशि जारी !




डॉक्टर्स पर नाजायज हमला को रोकने के मेरे प्रयास को बढ़त !

Add caption


गर्ल्स हॉस्टल में जंगल राज समाप्त करने की मेरी मांग और उसे रोकने के तरीकों पर पटना की पुलिस-प्रशासन गंभीर !






मिड डे मील को बंद करने की पांच साल पुरानी मेरी मांग और सुझाव लीक होकर मुख्यमंत्री तक पहुंची जिसके बाद निकम्मी और खतरनाक मिड डे मील को बंद करने की संभावना बढ़ गयी है !



उत्तर प्रदेश में मानव-रहित रेलवे क्रासिंग पर मासूम बच्चों की मौत के बाद माननीय राष्ट्रपति से रेल मंत्री पर हत्या का एफ.आई.आर दर्ज करवाने की मेरी मांग के बाद रेलवे ने शुरू की मानव-रहित रेलवे क्रासिंग को समाप्त करना ।



Thursday, 15 February 2018

न्यायालय में मुकदमों की समय सीमा निर्धारित करने की मांग !!

सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री, हिंदुस्तान ।
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार (भावी प्रधानमंत्री, भारत)
दिनांक:-15 फ़रवरी 2015
विषय:-न्यायालय में मुकदमों की समय सीमा निर्धारित करने के सम्बन्ध में ।
महोदयगण,
निवेदनपूर्वक कहना है कि देश की बुराइयां और उसे दूर करने में सरकार की लाचारी के पीछे मुख्य रूप से एकमात्र सुस्त न्यायिक प्रक्रिया है जिसे ठीक किये बगैर देश को स्वस्थ, शिक्षित, समृद्ध और सुरक्षित बनाने की बात करना किसी बहलावा और लोगों को गुमराह करने से कम नहीं है ।
हमारा देश इस कारण अस्वस्थ नहीं है कि हमारे देश में स्वास्थ्य सम्बन्धी मौलिक सुवधाओं की कमी है बल्कि हमारा देश इसलिए अस्वस्थ है क्योंकि स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं को पहुँचाने वाले कर्मचारी और अधिकारी बेईमान होते हैं या बेईमान होने के लिए उन्हें बाध्य किया जाता हैं जिसके पीछे बेईमानी या बेईमानी के लिए बाध्य करने वालों की शिकायत की जानी है वो न्यायालय स्वयं न्याय के लिए सार्वजानिक रूप से दर-दर की ठोकर खा रहा है जिसके प्रमाण के लिए न्यायाधीशों द्वारा न्याय के लिए संवाददाता सम्मलेन बुलाये जाने का ताज़ा उदहारण पर्याप्त है । ऐसी हीं बदहाली स्वाथ्य विभाग के साथ अन्य विभागों में विधमान हैं । जो भी सख्स बेईमानी के खिलाफ लड़ने की हिम्मत जुटाकर न्यायलय का दरवाजा खटखटाता है लोग उसे अनुचित या विलम्ब से न्याय नहीं मिलने का सैकड़ों उदहारण देकर मानसिक रूप से असंतुलित या पागल की संज्ञा देने में तनिक भी देरी नहीं किया जाता है । बुजुर्गों और अनुभवी अधिकारीयों द्वारा पागल की संज्ञा प्राप्त करने के बाद भी जो न्यायपालिका में न्याय की लड़ाई लड़ने का साहस जुटाते हैं और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से पुलिस और न्यायपालिका में चरणबद्ध भ्रष्टाचार, प्रताड़ना, अपमान और इसके कारण स्वास्थीय-पीड़ा झेलते हैं उन्हें भी सुस्त न्यायपालिका से जीवन काल में उचित न्याय नहीं मिल पाता है । वास्तविकता यह है कि पुरे देश के तंत्र को झोंक कर भी सामान्य रूप से सामान्य न्याय पाने वालों का पता लगाने की कोशिश की जाये तब भी किसी दो-या चार पन्ने को फोल्डर प्रमाणिक रूप से तैयार नहीं किया जा सकता है ।
आश्चर्य की बात नहीं है कि लोग न्याय के लिए पुलिस और न्यायलय में नहीं जाकर किसी स्थानीय गुंडे या दलाल के पास जाना अपना सौभाग्य समझते हैं क्योंकि उन जगहों और वैसे व्यक्तियों से कुछ मिले या ना मिले कम से कम मामले में फैसला तो मिल हीं जाता है जिसका प्रमाण है कि खाप-पंचायत या गुंडों, उग्रवादियों, नक्सालियों एवं असभ्य लोगों द्वारा भारत जैसे महान और नियम कानून वाले देश की छाती पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जनसमर्थन से “जन-अदालत” चलाया जा रहा है और ये सच्चाई देश और दुनिया किसी से छिपी हुई नहीं है ।
केंद्र और अनेकों राज्यों की सरकारें न्याय देने के लिए नए-नए नियम और कानून बनाकर जनता को तय समय पर न्यूनतम मात्र में संतोषजनक न्याय देने का प्रयास या कम से कम नाटकीय प्रयास हीं कर रही है जिससे लोगों में अज्ञानता के कारण हीं सही लेकिन लोगों में सांकेतिक संतोष का भाव झलकता प्रतीत होता है ।
जबतक न्यायपालिका और न्यायिक प्रक्रिया को वृहत और मुख्य धारा से नहीं जोड़ा जाएगा हमारा देश गारंटीपूर्वक स्वस्थ, शिक्षित, समृद्ध और सुरक्षित नहीं बन सकता है जिसके लिए सर्वप्रथम न्यायपालिका में मुकदमों के निबटारे लिए निश्चित समय-सीमा तय किया जान अनिवार्य है जिस काम में थोडा भी विलम्ब का मतलब है कि देश को गारंटीपूर्वक अस्वस्थ, अशिक्षित, बदहाल और असुरक्षित रखने की गुप्त और संयुक्त योजना को मूर्त रूप में रखा जाने का प्रयास किया जा रहा है जो अकाल्पनिक, अविश्वसनीय और निंदनीय है ।
अतः श्रीमान् से निवेदन है कि न्यायपालिका में मुकदमों के निबटारे के लिए मुकदमों की गंभीरता के अनुरूप चरणबद्ध तरीके से निबटारे की समय-सीमा तय करना सुनिश्चित करने की कृपा की जाये और देश को बाहर से हीं नहीं बल्कि अन्दर से और व्यक्तिगत रूप से सशक्त बनाने में सहयोग करने की कृपा की जाये क्योंकि देश पर माननीयों के अलावा अन्य लोगों का भी हक़ और अधिकार है ।
आपका विश्वासी
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पद्मा अवार्ड नॉमिनी (समाज सेवा वर्ग)
वरीय पत्रकार (दैनिक हिंदी अखबार)
सची सह मीडिया प्रभारी (इंडियन फेडरेशन ऑफ़ वोर्किंग जर्नलिस्ट्स, बिहार)
कार्यकर्ता (सूचना का अधिकार)
कार्यकर्ता (मानवाधिकार)
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान घाट,
थाना-बुद्धा कॉलोनी, पटना, बिहार-800001
PMO 15-02-2018 Complaint Number- PMOPG/E/2018/00716866
CPGRAMS 15-02-2018 Complaint Number- DARPG/E/2018/022299

CPGRAMS 15-02-2018 Complaint Number- GOVBH/E/2018/002899

Saturday, 27 January 2018

किसी व्यक्ति के नाम पर व्यंगात्मक या अश्लील गीत के निर्माण पर रोक की मांग !!

To,
The Honorable Chief Minister, Bihar (Prospective Prime Minister, India)
The Honorable Minister. Art, Culture and Youth Department, Government of Bihar
The Honorable Minister, Women and Child Development, Govt. Of India
Date:-27 January 2018
Subject:-Regarding the issue of direction to stop production and sale of songs in Bihar named after a female and honorable
Sir,
A victim knows better how embarrassing he or she feels after listening to songs especially Bhojpuri and vulgar songs and being informed about playing of such songs named after a female and honorable. It may be happening unintentionally, illiterately or due to absence of guidelines but keep hurting the feminism and dignity of the victims of songs named after her/him.
I, therefore, appeal you to ensure the ban on production and playing of such songs in Bihar instantly followed by seizure of available audio/video materials of such songs in the market and stocks.
REGARDS
Sd/-Prabhash Chandra Sharma
PADMA AWARD NOMINEE (Social Work Category)
Journalist (Daily Print Media)
Secretary Cum Media in Charge (Indian Federation of Working Journalists)
Advisor (Independent) to the honorable Chief Minister, Bihar
Activist (Right to Information)
Activist (Human Rights)
R/o-Patrakar Sadan, Pahalwan Ghat,
P.S-Buddha Colony, Patna, Bihar-800001 (India)
Email:-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
AADHAAR No-338811430082
CPGRAMS 27-01-2018 Complaint Number- GOVBH/E/2018/001677
CPGRAMS 27-01-2018 Complaint Number- DOWCD/E/2018/000844

बिहार में बार डांसिंग पर प्रतिबन्ध के मेरे सुझाव पर जल्द विचार संभव !!

To,
The Honorable Chief Minister, Bihar (Prospective Prime Minister, India)
The Honorable Minister. Art, Culture and Youth Department, Government of Bihar
The Honorable Chairperson, National Commission for Women, New Delhi
The Honorable Prime Minister, Hindustan
The Honorable Minister, Women and Child Development, India
The Honorable President, India
Date:-27 January 2018
Subject:-Regarding framing and introduction of rules and facilities to the Bar & Street Bar Dancer in Bihar
Sir,
It is obviously not possible for a single Chief Minister to scan the entire functioning and their loophole across Bihar so various department and ministries have been created to look after the respective activities, functioning and their loopholes and shortage of amenities but the practices in department and ministries appears to be adverse in almost all the department and ministries with few exceptions.
The activism of bar and street bar-dancers appear illegal prima facie despite the direction of Supreme Court to uphold bar-dancing in Maharashtra because the SC has also remarked that bar-dancing is much better than begging which insinuates that the government is insensitive and inefficient to rehabilitate bar and street bar-dancers, rather, the government is not able to provide dignified opportunities for livelihood.
In Bihar (also) bar and street bar dancers face inhuman and immoral assault and treatment during brazen performance in the sound knowledge and presence of the honorable and the bureaucrats including local law enforcement due to non-existence of firm and practical guideline and policy for the prohibition, rehabilitation, and regulation of bar and street-bar dancers which is exposes both the paralyzed will-power of the national and state administration and the impoverishment and vulnerability of the female section of the civil society.
Hi-Tech Bihar Police Helpline (BPCGRC) at DG level also helplessly abets such crime as my complaint regarding street bar dancing to the BPCGRC dated 20-11-2017 appears to have lapsed unattended.
I, therefore, appeal you ensure instant framing of policies and directions to rehabilitate, safeguard and ban Bar and street Bar dancing in the larger interest of female and above all humanity as India is also being considered a civilized country.
I hereby attach the screenshot of my complaint against street bar dancing to the DG level Police Helpline (BPCGRC) dated 20-11-2017.
REGARDS
Sd/-Prabhash Chandra Sharma
PADMA AWARD NOMINEE (Social Work Category)
Journalist (Daily Print Media)
Secretary Cum Media in Charge (Indian Federation of Working Journalists)
Advisor (Independent) to the honorable Chief Minister, Bihar
Activist (Right to Information)
Activist (Human Rights)
R/o-Patrakar Sadan, Pahalwan Ghat,
P.S-Buddha Colony, Patna, Bihar-800001 (India)
Email:-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
AADHAAR No-338811430082
PMO 27-01-2018 Complaint Number- PMOPG/E/2018/00351400 
President, India 27-01-2017 Complaint Number- PRSEC/E/2018/014800
CPGRAMS 27-01-2018 Complaint Number- GOVBH/E/2018/001655
CPGRAMS 27-01-2018 Complaint Number- DOWCD/E/2018/000822