सेवा
में,
माननीय
प्रधान मंत्री, हिन्दुस्तान ।
माननीय
गृह मंत्री, भारत सरकार ।
दिनांक:-17
अगस्त 2015
विषय:-राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग को भंग या पुनर्गठन करने के सम्बन्ध में ।
महाशय,
निवेदनपूर्वक कहना है कि माननीय उच्चतम न्यायलय के
उस आदेश जिसमें दस बजे रात्रि से छह बजे सुबह तक लाउडस्पीकर के प्रयोग पर रोक के
साथ दिन में भी धीमी आवाज़ में लाउडस्पीकर बजाने का आदेश, बेसमय और बेहद तीब्र आवाज़
में लाउडस्पीकर बजाने के कारण मानवाधिकार का हनन, और स्वयं मानवाधिकार के सशक्त
अधिकार को ध्यान में रखकर मैंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को अनेकों आवेदन और आरटीआई
आवेदन दिया जिसका ब्यौरा इस प्रकार है;
1.
NHRC Diary Number-1518966
2.
NHRC Case Number- NHRC case No-897/4/26/2015
3.
NHRC Diary Number-1519492
4.
NHRC Diary Number-1520923
और विनती किया कि दुजरा, पहलवान घाट, थाना-बुद्धा
कॉलोनी, पटना स्तिथ मस्जिद में असहनीय आवाज़ और रात्रि दस बजे से सुबह छह बजे बीच लाउडस्पीकर
को बजने से अविलम्ब रोकने का सख्त आदेश या निर्देश दिया जाए किन्तु महीनों बीत
जाने के बाद मेरे किसी आवेदन पर आज तक कोई सक्षम या निर्णायक करवाई नहीं की गयी
जिसका परिणाम है कि आज विभिन्न धर्मों के लोगों में सभी बाध्यताओं को तोड़कर लाउडस्पीकर
बजने की प्रतिस्पर्धा लगी हुयी है और लोगों की नींद तक हराम हो गयी है । ऐसा
प्रतीत होता है मानो कानून तोड़ने वालों की व्यवस्था कायम हो गयी है ।
एक और मामले की जानकारी और शिकायत मैंने राष्ट्रिय
मानवधिकार आयोग को भेजा था जिसका ब्यौरा इस प्रकार है;-
1.
NHRC
DIARY Number -1520693
dated 5-6-2015
2.
आरटीआई
आवेदन संख्या:- NHRCM/R/2015/60235
इसमें नियम व सुरक्षा मानकों के प्रतिकूल पटना के
गाँधी मैदान में चल रहे डिज्नी लैंड मेला पर अविलम्ब दखल देकर रोक लगाने व दिशा
निर्देश की मांग की थी क्योंकि यह बच्चों के जान की सुरक्षा से सम्बंधित था लेकिन
इस मामले में भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अप्रत्याशित विलम्ब किया और एक
महिना से अधिक चले डिज्नी लैंड मेला के समाप्त होने के बाद पटना के जिलाधिकारी को
पत्र संख्या –CASE No. 1862/4/26/2015/OC द्वारा आठ हफ्ते में जवाब देने के लिए
कहा गया जो मासूम बच्चों के जान के प्रति संवेदनहीनता है ।
उक्त घटनाओं से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि संस्था
के अधिकारीगण अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन उचित ढंग से नहीं कर रहे हैं या
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग हमारे देश में हाथी दांत की तरह है ।
संस्था ने ना तो माननीय सर्वोच्य न्यायलय के आदेश की
गरिमा रखी, ना मानवाधिकारों की रक्षा कर रहे है और ना हीं संस्था के उद्धेश्य और
शक्ति का निर्वहन कर रही है
अतः संस्था के दायित्वहीन और अक्षम अधिकारीयों को
अविलम्ब हटाया जाए या दायित्वहीन और अक्षम संस्था का पुनर्गठन किया जाए या दायित्वहीन
और अक्षम संस्था को पूरी तरह से भंग कर दिया जाए सरकार इसकी जिम्मेवारी मंत्रालय
को देने का कार्य करे ।
आपका विश्वासी
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पत्रकार (दैनिक हिंदी अखबार)
कार्यकारिणी सदस्य (जर्नलिस्ट्स
यूनियन ऑफ़ बिहार)
सलाहकार (ऑनलाइन मल्टी-कंप्लेंट)
निदेशक (राजनीतिक कोचिंग इंस्टिट्यूट)
कार्यकर्ता (सूचना का अधिकार)
कार्यकर्ता (बिहार मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान)
समाज सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान घाट,
थाना:-बुद्धा कॉलोनी, पटना-800001, बिहार
(भारत)
आधार संख्या-338811430082
DARPG 17-8-15 Complaint
Number-MINHA/E/2015/024043
PMO 17-8-15 Complaint
Number-PMOPG/E/2015/00660733
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