Saturday, 26 March 2016

चंदा की आड़ में सामानांतर राजकीय व्यवस्था !!!

सेवा में,
माननीय जिलाधिकारी, पटना ।
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार एवं दिल्ली ।
माननीय प्रधान मंत्री, हिंदुस्तान ।
दिनांक:-26 मार्च 2016
विषय:-किसी भी धार्मिक, सामाजिक या राजनीतिक अनुष्ठान के लिए चंदा वसूली को प्रशासनिक निगरानी में कराने को अनिवार्य बनाने के सम्बन्ध में ।
महाशय,
विनम्रतापूर्वक कहना है कि दोनों राज्य और केंद्र सरकार मिलकर व्यक्ति के आय का लगभग सत्तर प्रतिशत हिस्सा विभिन्न प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष टैक्सों के रूप में वसूलती है और इसके बाद भी राष्ट्रिय, राजकीय और स्थानीय प्रशासन की देख-रेख में आम लोगों को धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक रंगदारों के पास मजबुरन धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक टैक्स दोहन के लिए छोड़ देती है जो लूटतंत्र जैसा है ।
प्रत्येक वर्ष विभिन्न त्याहारों, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक अनुष्ठानों की आड़ में बड़े पैमाने पर राष्ट्र, राज्य एवं पुलिस-प्रशासन के नाक के निचे चंदा वसूली का अवैध धंधा चलाया जाता है । अराजकता की सभी सीमा तो तब पार हो जाती है जब राष्ट्र, राज्य एवं पुलिस-प्रशासन चंदा वसूली करने वालों से विनती करती है कि जबरन रंगदारी-रुपी चंदा वसूली ना करें , ऐसा करने वालों के खिलाफ करवाई की जाएगी ।
यह बात समझ से परे है कि त्याहारों, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक अनुष्ठानों के लिए राष्ट्र एवं राज्य-स्तरीय रंगदारी-रुपी चंदा वसूली की अनुमति किसी संवैधानिक और कानूनी प्रावधान के अंतर्गत नहीं दी जाती है, फिर भी उच्च पदस्थ लोग रंगदारी-रुपी चंदा और उससे जुड़े निरंतर हिंसा के पश्चात अपनी जिम्मेवारी के प्रति खामोश रहते हैं और उल्टे समाज को हीं सभ्य बनाने का सुझाव दे डालते हैं ।
राष्ट्र, राज्य एवं पुलिस-प्रशासन अगर इस रंगदारी-रुपी चंदा को किसी भी प्रकार से जायज मानती है तो सरकार स्वयं ऐसे प्रतिष्ठानों को आर्थिक रूप से प्रायोजित करे और उसपर आने वाले वित्तीय बोझ की भरपाई करने के लिए आम जनता से त्याहारों, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक अनुष्ठानों के नाम पर अतिरिक्त टैक्स वसूल कर ले, इससे कम से कम आम जनता विभिन्न समितियों में उपलब्ध आवारा और आपराधिक तत्वों के गुंडागर्दी और अमानवता से तो सुरक्षित रहेगी ।
अतः श्रीमान् से प्रार्थना है कि इस कुप्रथा पर लगाम लगाने के लिए निम्नलिखित उपायों पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए ताकि देश को नियम-कानून से बेपटरी होने से रोका जा सके ;-
1.      त्याहारों, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक अनुष्ठानों के नाम पर रंगदारी-रुपी चंदा वसूली को संवैधानिक या कानूनी दर्ज़ा दिलाना सुनिश्चित किया जाए ।
2.      स्वेच्छा से चंदा देने वालों के लिए सरकार या प्रशासन की देख-रेख में समिति के बैंक अकाउंट या दान-पात्र का संचालन कराना सुनिश्चित किया जाए ।
3.      डोर टू डोर रंगदारी-रुपी चंदा वसूली के लिए अनिवार्य रूप से समितियों के साथ पुलिस बल की तैनाती की जाये साथ हीं पुलिस द्वारा चंदा की रसीद पर काउंटर हस्ताक्षर, मोहर या होलोग्राफिक स्टीकर लगाने को अनिवार्य बनाना सुनिश्चित किया जाए ।
4.      रंगदारी-रुपी चंदा वसूली से जुड़ी किसी भी घटनाओं के लिए कानून में अधिकतम सजा का प्रावधान बनाया जाना सुनिश्चित किया जाए ।
5.      त्याहारों, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक अनुष्ठानों पर होने वाले अनुमानित खर्चों को सरकार द्वारा वहन करने के एवज में नए टैक्स का प्रावधान करना सुनिश्चित किया जाए ।
6.      व अन्य उपयुक्त प्रावधानों पर विचार ।

आपका विश्वासी
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पद्मा अवार्ड नॉमिनी (समाज सेवा श्रेणी)
पत्रकार (दैनिक हिंदी अखबार)
कार्यकारिणी सदस्य (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ़ बिहार)
कार्यकर्ता (सुचना का अधिकार)
कार्यकर्ता (मानव अधिकार)
समाज सुधारक
पता-पत्रकार सदन, पहलवान घाट,
थाना-बुद्धा कॉलोनी, पटना-800001
ईमेल:-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
आधार संख्या-338811430082
CM, Bihar 26-3-16 BPGRS Complaint Number- 99999-2603160109
PMO 26-3-16 Complaint Number- PMOPG/E/2016/0097760
DARPG 26-3-16 Complaint Number- DARPG/E/2016/04989 

CM, Delhi 26-3-16 Complaint Number- GNCTD/E/2016/01637

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