Tuesday, 17 March 2015

अपार्टमेंट के अवैध निर्माण के विरूद्ध करवाई के नाम पर शोषण और दोहन !!!

सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री, भारत
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार एवं दिल्ली ।
दिनांक:-17 मार्च 2015
विषय:-अपार्टमेंट में अवैध निर्माण व अनियमितता संबंधी विवाद के लिए अवैध निर्माण का फोटो और भवन का पारित नक्शा के आधार पर तय समय में निबटारा करने के सम्बन्ध में ।
महाशयगण,
निवेदनपूर्वक कहना है कि पटना, बिहार समेत दिल्ली व अन्य शहरों में सबसे अधिक और अवैध धनोपार्जन का एकलौता माध्यम अपार्टमेंट निर्माण है जिसकी अवैध कमाई और कमीशन से देश की शायद हीं कोई सम्मानजनक संस्थाएं भी बची हुई है । अपार्टमेंट के अवैध निर्माण का मामला प्रकाश में आते हीं सम्बंधित और हस्तक्षेप करने वाले विभाग और संस्थाओं के लोगों का जैकपोट निकल आता है । अवैध निर्माण खुलासे के प्रारंभिक चरण में तो सभी सम्बंधित अधिकारी और संस्थाएं ऐसी प्रतिक्रियाएं देते हैं कि अवैध निर्माण करने वालों व अन्य की हाड़ काँप जाती है लेकिन करवाई में तारीख दर तारीख के साथ सबकी बोली अवैध निर्माण के लय में आ जाती है और सब लोग एक हो जाते हैं और ऐसा लगता है कि अपार्टमेंट का अवैध निर्माण करने वाले, अधिकारीगण, और माननीय संस्थाएं कुम्भ के मेले बिछड़ गए थे और विवाद ने उनका मिलान करवा दिया । पटना में तो हालत ऐसी है कि विभाग अवैध निर्मित और निर्माण की गुप्त सुचना देने की विनती अख़बारों के माध्यम से करता है लेकिन जब शिकायत की जाती है तो कहा जाता है कि हमलोगों की जानकारी में सब है और करवाई की जा रही है । कभी-कभी अवैध निर्माण को तोड़ने का भी आदेश दिया जाता है, प्रशासन अवैध निर्माण तोड़ने भी पहुँचती है लेकिन अवैध निर्माण को तोड़ने का नेतृत्व कर रहे देश को चलाने का दावा करने वाले देश के सर्वश्रेष्ठ अधिकारी आईएएस और आईपीएस को मुट्ठी भर असामाजिक तत्वों के विरोध और उपद्रव को पीठ दिखाना पड़ता है और कहना पड़ता है कि कानून व्यवस्था बेकाबू होने की आशंका थी इसलिए कारवाई बंद की गयी है । दरअसल ऐसी कोई बात नहीं होती है, असली बात यह होती है कि हमारे संविधान में खाने और खानापूर्ति के लिए भी सम्पूर्ण प्रावधान हैं जो अधिकृत लोग समझते है और उसका बखूबी शोषण भी करते हैं । न्यायलय भी अपार्टमेंट के अवैध निर्माण से होने वाली दुर्घटना के लिए बिल्डरों को जिम्मेवार ठहराते हुए मरने वालों की कीमत लगाने के लिए अधिकृत करने का काम कर चुकी है साथ हीं अवैध निर्माण को हरी झंडी दी गयी थी ।
हम अपने देश में रह रहे लोगों की जानों की सुरक्षा के लिए दुश्मन देशों को अपनी सीमा में एक ईंट नहीं रखने देते हैं लेकिन अपने देश के अन्दर अधिकारीगण और संस्थाएं लोगों के लिए अवैध अपार्टमेंटनुमा कब्र बनने की प्रत्यक्ष/परोक्ष रूप से अनुमति देते हैं और बदले में उसकी दलाली खाते हैं । देश के वे लोग जाहिल हैं जो देशभक्ति की बात करते हैं, उन्हें भी चाहिए की वो भी हमारे देश में बहती भ्रष्टाचारी गंगा में हाथ धो लें लेकिन ये भी सभी लोगों से संभव नहीं हैं । राजमहल और राजभवन रुपी संवैधानिक संस्थाएं देश के दो वर्गों को शायद कीड़े-मकोड़ा समझती है पहला वो जो अपने सुख-दुख एवं परिवारों का त्याग कर अधिकारीयों और देश की संस्थाओं के आदेश के पालन के लिए सीमा पर अपनी जान गवांते हैं और दूसरा वे आम लोग हैं जो खून-पसीने की कमाई का तीन चौथाई हिस्सा कर के रूप में देश की संस्थाओं में बैठे अधिकारीयों को ऐश और आराम करने के लिए देती है और बदले में उन्हीं के द्वारा आम लोगों को मच्छरों की मौत या जिंदगी देते हैं । हमारे देश के प्रधानमंत्री, आरएसएस व अन्य का देशभक्ति सम्बन्धी चिंता देश के सामने जुमला हीं प्रतीत होता है जिसे उक्त महानुभावों को वास्तविकता में ईमानदारीपूर्वक अनुवाद करने की आवश्यकता है । देश में चल रही सहज रूप से भ्रष्टाचार की परंपरा से साफ़ ज़ाहिर होता है कि सम्बंधित अधिकारी और संस्थाएं ये सन्देश देती है कि आप लोगों की हत्या जरूर करें लेकिन हत्या करने के तरीकों में आवाज़ या हलचल नहीं हो मश्लन अवैध निर्मित भवनों में लोगों को रखकर हत्या करो, खाने की गुणवत्ता में समझौता कर खाने वालों की हत्या करो, प्रदूषित जल पिलाकर लोगों की हत्या करो, न्याय की आश में लोगों को तारीख पर तारीख देकर हत्या करो, गुणवत्ता विहीन पुल बनवाकर यात्रियों की हत्या करो बगैरह-बगैरह ।
अतः आपसे प्रार्थना है कि देशभक्ति, मानवता, नैतिकता और संवैधानिकता की रक्षा के लिए जल्द से जल्द अपार्टमेंट के अवैध निर्माण और अवैध रूप से निर्मित अपार्टमेंट संबंधी प्रत्यक्ष/गुप्त शिकायतों के लिए अपार्टमेंट का नक्शा और अपार्टमेंट में अवैध निर्माण और निर्मित के फोटो के आधार पर तय समय सीमा के अन्दर निबटारा सम्बन्धी प्रावधान अनिवार्य किया जाए और वास्तविक अवश्यभावी जेनोसाइड को रोका जाए ।
प्रतिलिपि प्रेषित:-सभी सम्बंधित गणमान्य प्राप्तकर्तागण ।
आपका विश्वासी
ह०/- प्रभाष चन्द्र शर्मा
पत्रकार (दैनिक हिंदी अखबार)
सचीव (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ बिहार)
सलाहकार (ऑनलाइन मल्टी-कंप्लेंट)
निदेशक (राजनीतिक कोचिंग संस्थान)
कार्यकर्ता (बिहार राज्य सूचना का अधिकार मंच)
कार्यकर्ता ( बिहार राज्य मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान)
समाज सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान घाट, थाना-बुद्धा कॉलोनी, पटना-800001, बिहार (भारत)
DARPG 17-3-15 Complaint Number-DARPG/E/2015/029003
CM, Delhi 17-3-15 Complaint Number-GNCTD/E/2015/015933
President 17-3-15 Complaint Number-PRSEC/E/2015/024793

CM, Bihar 17-3-15 Complaint Number-99999-1703150116

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