सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार
दिनांक:-26 मार्च 2015
विषय:-जमीनी विवाद में त्वरित करवाई के लिए विशेष दल एवं
हेल्पलाइन व अन्य को लागु करने के सम्बन्ध में ।
महाशय,
निवेदनपूर्वक कहना है कि सभी थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद
के मामलों की संख्या प्रबल है लेकिन ऐसे मामलों में करवाई और नियंत्रण के लिए कोई
ठोस व्यवस्था नहीं है जिसके कारण जमीनी विवाद हमेशा अराजक रूप धारण कर लेता है और
फसाद, हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसी घटनाएं होती है । जमीनी विवाद में बाहुबली
(दबंग/उदंड पक्ष) पुलिस-प्रशासन, लागु कानूनी धाराओं, मानवाधिकारों व अन्य मानवीय
व्यवस्था को ठेंगा दिखा कर विवादित जमीन पर अपनी मर्ज़ी चलाते हैं और अवैध रूप से
कब्ज़ा और निर्माण करते है जिसके पश्चात
सम्बंधित थाना / पुलिस पर भी घूस लेकर मजबूत पक्ष को लाभ पहुँचाने का आरोप लगता
रहता है जिससे कानून-प्रीय लोगों में कानून-व्यवस्था के सार्वजानिक बलात्कार होने
का बेशर्म सन्देश जाता है ।
जमीनी विवाद को किसी थाना में दर्ज करने में कानून-प्रीय
लोगों का पसीना छूट जाता है । पीड़ित पक्ष थाना जाकर अपने जमीन पर निर्माण या कब्ज़ा
की मौखिक और लिखित शिकायत करता है लेकिन थाना द्वारा बिना रिसीविंग के उसका आवेदन
लेकर दुसरे पक्ष को कब्ज़ा या निर्माण के लिए पर्याप्त वक़्त दिया जाता है और ऐसा
इसलिए होता कि जिस व्यक्ति को अवैध रूप से जमीन पर कब्ज़ा करना या निर्माण करना
होता है वह पहले हीं थाना में जाकर कानूनी और पुलिस करवाई को अपने पक्ष में इस तरह
फिक्स करवा लेते हैं कि थानाध्यक्ष या अन्य पुलिसकर्मी फ़ोन तक नहीं उठाते, बार-बार
फ़ोन काट देते हैं या घटना स्थल पर पहुँचने में अत्याधिक विलम्ब करते हैं । थाना
द्वारा त्वरित करवाई नहीं करने पर पीड़ित पक्ष बारी-बारी से वरीय पुलिस अधिकारी को
भी फ़ोन पर इसकी सुचना देते हैं लेकिन थाना तक वरीय अधिकारीयों की सुचना पहुँचने के
पहले विवादित जमीन पर संतोषजनक रूप से अवैध कब्ज़ा और अवैध निर्माण सम्पूर्ण करवा दिया
जाता है तब धारा 144 को लागु करने की बात कही जाती है, लेकिन धारा 144 के वावजूद
दबंग/उदंड पक्ष धारा 144 को छल करके कब्ज़ा या निर्माण करते रहते हैं जिसकी शिकायत
पर थाना द्वारा व्यंग करते हुए कहा जाता है कि वरीय अधिकारी के पास जाइए थाना
क्यों आये हैं ।
ऐसी कुव्यवस्था इस बात का साफ़ सन्देश या सुझाव देती है कि जमीनी
विवाद में उलझे/परेशान लोग पुलिस के पास नहीं जाकर किसी गुंडे या बदमाश के पास
जाएँ या अन्य असामाजिक तत्वों को सहारा लेकर अपने जमीन पर अवैध निर्माण और कब्ज़ा
को रोके लेकिन ऐसी परिस्थिति से राज्य में कानून-व्यवस्था की छवि बिगड़ती है जिसके
लिए माननीय उच्च, सर्वोच्च न्यायलय और मानवाधिकार संगठनों द्वारा हमारे माननीय,
आदरणीय और सक्षम अधिकारीयों और राज्य के मुखिया को दोषी और अक्षम बताया जाता है ।
अतः आप सभी से प्रार्थना है कि जमीनी विवाद को दर्ज करने के
लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए, ऐसे मामलों से निबटने के लिए थाना में विशेष
दल के त्वरित गठन को अनिवार्य बनाया जाए, जमीनी विवाद की सुचना के बाद वैसी कानूनी
धारा को लागु किया जाए जिसके अंतर्गत अवैध कब्ज़ा और निर्माण को अविलम्ब हटाने और
तोडवाने का अधिकार पुलिस को प्राप्त हो, पुलिस को त्वरित व निष्पक्ष करवाई के लिए विवादित
स्थल का अनिवार्य रूप से फोटोग्राफी कराने का आदेश दिया जाए व अन्य उचित दिशा
निर्देश दिए जाएँ ताकि राज्यस्तरीय बदनामी व अराजकता को रोका जा सके ।
प्रतिलिपि प्रेषित:-सभी माननीय सम्बंधित प्राप्तकर्तागण ।
आपका
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पत्रकार (हिंदी दैनिक अखबार)
सचीव (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ बिहार)
सलाहकार (ऑनलाइन सर्व शिकायत)
निदेशक (राजनीतिक कोचिंग संस्थान)
कार्यकर्ता (बिहार राज्य सुचना का अधिकार मंच)
कार्यकर्ता (बिहार मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान)
समाज सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान घाट,
थाना-बुद्धा कॉलोनी, पटना-800001, बिहार (भारत)
ईमेलः-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
आधार कार्ड संख्या:-338811430082
CM, Bihar 26-3-15 Complaint Number-99999-2603150522
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