Monday, 2 March 2015

घूसखोरी है समय पर जनता को सेवा नहीं देना !!

सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री, हिंदुस्तान ।
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार ।
दिनांक:-02 मार्च 2015
विषय:-सभी नागरिक सेवा समय पर उपलब्ध नहीं कराने के लिए सम्बंधित अधिकारीयों और कर्मचारियों पर स्वतः घूसखोरी का मोकदमा दर्ज करने सम्बन्धी नियम-कानून बनाने के सम्बन्ध में ।
महाशयगण,
निवेदन पूर्वक कहना है कि राज्य और देश की सरकार व अन्य सभी संस्थाएं पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराने के नियम का हवाला देकर नागरिकों के खून-पसीने की कमाई का आधा से अधिक हिस्सा विभिन्न करों के रूप में वसूल लेती है और इन्हीं रुपयों से देश के सभी महानुभावों व उनके परिवारों का पेट पलता है, उनकी खादी चमकती है और अन्य सभी आवश्यकताएं पूरी होती है, अगर सुविधा सम्बन्धी प्रावधान की कमी महसूस होती है तो खड़े-खड़े प्रावधान भी बना लिया जाता है साथ हीं लॉकर में नाजायज़ संपत्ति जमा करने के लिए कर्मचारियों और अधिकारीयों को पॉकेटमार बनाकर सुविधा आभाव-ग्रस्त नागरिकों की पॉकेटमारी करने के लिए खुल्ला छोड़ दिया जाता है । आम लोगों को विभिन्न प्रमाण पत्र, निबंधन प्रमाण पत्र व भुगतान पत्र लेने के लिए एक नहीं अनेकों लोभी कर्मचारियों और अधिकारीयों को मनमाना रुपया घूस के रूप में देना पड़ता है । आज के लोग आज़ादी पूर्व विदेशी-अत्याचार के आकर-प्रकार से अच्छी तरह अवगत नहीं हैं लेकिन आज का अत्याचार विदेशी-अत्याचार से भी ज्यादा है । अगर सरकारें ऐसा दावा करती है कि वे कर्मचारियों और अधिकारीयों का इस्तेमाल पॉकेटमारों की तरह जनता का पॉकेट काटने के लिए नहीं करती है तो खून-पसीने की कमाई का पच्चास प्रतिशत से अधिक विभिन्न करों के रूप में भुगतान करने वाली आम जनता को इस अत्याचार सह भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने की आवश्यकता है जिसके लिए उक्त सभी सेवाओं को अलग-अलग विभागों से समन्वय स्थापित कर समय पर उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी जवाबदेह कर्मचारियों और अधिकारीयों को सौंप दी जाए और आवश्यकतानुसार सेवाओं को उपलब्ध नहीं करने वाले कर्मचारियों और अधिकारीयों के बारे में यह मान लिया जाए कि समय पर सेवा के लिए घूस अवश्य माँगा जा रहा है जिसके परिणामस्वरुप स्वतः घूस मांगने का मोकदमा दर्ज कर कानूनी एवं विभागीय करवाई अनिवार्य बनाया जाए और आम जनता को अपना काम करने व नियमित रूप से कर का भुगतान कर देश और देश व्यवस्थापकों को चलाने के लिए छोड़ दिया जाए ।
अतः आप सभी महानुभावों से निवेदन है कि उक्त सभी सच्ची आरोपों के मद्धेनजर जनता को समय और नियम से सेवा नहीं मिलने को घूस मांगने का प्रमाण मानकर जवाबदेह कर्मचारियों और अधिकारीयों पर स्वतः मोकदमा दर्ज कर कानूनी एवं विभागीय करवाई का प्रावधान बनाया जाए ।
प्रतिलिपि प्रेषित:- सभी सम्बंधित माननीय प्राप्तकर्तागण ।
आपका
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पत्रकार (हिंदी दैनिक अखबार)
सचीव (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ बिहार)
सलाहकार (ऑनलाइन सर्व-शिकायत)
निदेशक (राजनीतिक कोचिंग संस्थान)
कार्यकर्ता (बिहार राज्य सुचना का अधिकार मंच)
कार्यकर्ता (बिहार मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान)
समाज सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान घाट, पटना-800001, बिहार (भारत)
ईमेल:-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
आधार कार्ड संख्या:-338811430082
DARPG 2-3-15 Complaint Number-DARPG/E/2015/023106
CM, Delhi 2-3-15 Complaint Number-GNCTD/E/2015/012026
CM, Bihar 2-3-15 Complaint Number-99999-0203150115
President 2-3-15 Complaint Number-PRSEC/E/2015/019706


To,
The Prime Minister, Hindustan. (PMO, 15-11-14, My Govt. advice)
Date:-13 November 2014
Subject: - Holding of files in department is corruption
Sir,
National progress is guaranteed in your PMship but woes of majority are that work isn’t done timely & the delay is attributed to formalities & undue legalities. A law to auto-penalize bureaucrats for delay in work would immortalize your vote. Bureaucrats delay work on the grounds of inhuman & immoral formalities and frivolous legalities. I, therefore, appeal you to order a law to link the delay of work understood to be bribery followed by auto-legal action. 
Regards
Sd/-Prabhash Chandra Sharma
Secretary (Working Journalists Union of Bihar)
Journalist (Daily print Media)
Consultant (Online Multi-Complaint)
Activist (Bihar Right to Information Forum)
Activist (Bihar Human Rights Protection Foundation)
R/o-Duzra, Pahalwan Ghat, North of Duzra Masjid, Patna-800001
Email-vikaschandrabudha@yahoo.co.in

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