सेवा में,
माननीय प्रधान मंत्री,
हिंदुस्तान
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार,
दिल्ली ।
दिनांक:-16 फरबरी 2015
विषय:-किरायेदारों का
चौतरफा शोषण रोकने के सम्बन्ध में ।
महाशयगण,
विनम्रता पूर्वक कहना है कि
बिहार समेत अन्य राज्यों में मकान मालिकों की तुलना में किरायेदारों की संख्या
संभवतः कई गुना अधिक है लेकिन उनकी अस्थिरता, असुरक्षा और आर्थिक व मानसिक शोषण के
खिलाफ कोई कठोर, कारगर और व्यवहारिक कानून नहीं है और कुछ एक कानून का पालन नहीं
होता है जिस कारण अधिकतर किरायेदारों को प्रतिदिन प्रताड़ना से गुजरना पड़ता है । किरायेदारों की स्तिथि व पहचान अस्पष्ट होने
के कारण न केवल किरायेदार बल्कि सरकार के विभिन्न विभागों और आयकर विभाग को भी
प्रति वर्ष भारी नुक्सान होता है । माकन मालिकों को ऐसी मनमानी छूट से अरबों-खरबों
रूपये का लेन-देन बिना आयकर विभाग की जानकारी के होता है साथ हीं सरकारी राजस्व को
प्रति वर्ष लाखों-कड़ोरों का चुना लगता है । दूसरी तरफ किरायेदार कानून, कहीं भी शांतिपूर्वक
रहने जैसे मौलिक अधिकार, मानवधिकार सहित अन्य अधिकारों का बेशर्मी से उलंघन होता
है और देश की इतनी बड़ी-बड़ी परिपक्क और संवेदनशील संस्थाएं लाचार एवं निकम्मी साबित
होती है
किरायेदारों के सामने
प्रमुख समस्याएँ;
1.
बिना किसी अग्रीमेंट के किरायेदार बनने के लिए बाध्य करना ।
2.
बिना किसी निश्चित समय के किराया में बेशर्म बढ़ोत्तरी करना
।
3.
बिना किसी ठोस कारण और माकन मालिक की निजी अतिआवश्यकता के किरायेदार
को मकान खाली करने के लिए बाध्य करना ।
4.
मनमाने ढंग से मकान खाली नहीं करने पर बिजली-पानी का
सम्बन्ध विच्छेद करना ।
5.
किरायेदार की चल-अचल सम्पति को धुर्तातापुर्वक नुक्सान
पहुँचाना ।
6.
असामाजिक तत्वों द्वारा किरायेदार व उनके परिवार को जगह-जगह
अपमानित व परेशान करना ।
7.
किरायेदार और माकन मालिक के बीच अग्रीमेंट की ग्यारह महीने
की न्यूनतम कानूनी बाध्यता का नाजायज लाभ उठाना ।
8.
बिना छह माह पूर्व सुचना के मकान खाली करने के लिए बाध्य
करना ।
9.
तीन साल बाद
अनिवार्य रूप से मकान खाली करने के लिए बाध्य करना ।
10. बिना किरायेदार के लेख्य-प्रमाणित
अनापत्ति पत्र के मकान खाली करने के लिए बाध्य करना ।
11. मकान मालिक और किरायेदार के
विवाद के कारण तत्काल किरायेदारों को तुरंत मकान तलाशने में अपार असुविधा ।
12. व अन्य अनेको समस्याएँ ।
उक्त सभी समस्याओं के समाधान हेतु निम्नलिखित इत्यादि व्यवस्था ;
1.
बिना किसी अग्रीमेंट के किरायेदार बनाने पर प्रतिबन्ध व
ज्ञात होने पर किरायेदार कानून उलंघन का मामला और आय कर चोरी का मोकदमा स्वतः दर्ज
करने की व्यवस्था करना ।
2.
तीन वर्ष से पहले किराया बढ़ोत्तरी पर किरायेदार कानून के
उलंघन के साथ ब्लैकमेलिंग व रंगदारी का मामला स्वतः दर्ज करने का प्रावधान किया
जाए ।
3.
बिना किसी अतिआवश्यक्ता के मकान खाली कराने और इस बात की एक
वर्ष के पूर्व प्रमाणित होने पर किरायेदार कानून के तहत स्वतः मोकदमा दर्ज करने के
साथ जुर्माना के तौर पर बिजली चार्ज, भवन कर और जमीन कर में पच्चास प्रतिशत
बढ़ोत्तरी के साथ हीं एल० पी० जी० सब्सिडी से मुक्त करने का प्रावधान कर किया जाए ।
4.
मकान मालिक द्वारा अनावश्यक कारणों से मकान खाली नहीं करवा
पाने कि स्तिथि में बिजली-पानी का कनेक्शन काटने पर किरायेदार कानून के तहत मोकदमा
दर्ज करने के साथ मौलिक एवं मानवाधिकार उलंघन का मोकदमा दर्ज एवं बिजली चार्ज, भवन
कर और जमीन कर में पच्चास प्रतिशत बढ़ोत्तरी के साथ हीं एल० पी० जी० सब्सिडी से
मुक्त करने का प्रावधान कर किया जाए ।
5.
किरायेदार द्वारा मकान खाली नहीं करने पर मकान मालिक द्वारा
चल-अचल सम्पति को धूर्ततापूर्वक नुकसान पहुंचाने पर मकान मालिक द्वारा कानूनी रूप
से छति-पूर्ति व उसी मूल्य का जुर्माना वसूली को अनिवार्य करने का प्रावधान बनाया
जाए ।
6.
माकन मालिक के फरमान के बाद मकान खाली नहीं करने पर बाहुबली
व असामाजिक तत्वों द्वारा किरायेदार को परेशान व अपमानित करने पर मकान मालिक को
समानरूप से अभियुक्त बना कर स्वतः मोकदमा चलाने का प्रावधान कर किया जाए ।
7.
किरायानामा की न्यूनतम अवधी तीन साल का प्रावधान करना ।
8.
मकान मालिक द्वारा निजी अतिअवश्यकता प्रमाणित करने पर मकान
खाली करने की नोटिस के लिए तीसवां महिना निर्धारित करना जिसे मकान मालिक द्वारा
पूरा नहीं करने पर छतीसवें महीने तक का मुआवजा किसी होटल के सामान्य श्रेणी के
किराया के हिसाब से भुगतान करने का प्रावधान किया जाए ।
9.
बिना किसी निजी व निरंतर अतिआवश्यकता या किराया बढाने की
नियत से तीन साल बाद किरायेदार बदलने और इसके प्रमाणित होने की स्तिथि में बिजली
चार्ज, भवन कर और जमीन कर में पच्चास प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रावधान कर दिया जाए
साथ हीं एल० पी० जी० सब्सिडी से मुक्त कर दिया जाए ।
10. बिना किरायेदार के लेख्य
प्रमाणित अनापत्ति पत्र के मकान खाली करने पर किरायेदार कानून, आपराधिक मोकदमा के
साथ बिजली चार्ज, भवन कर और जमीन कर में पच्चास प्रतिशत बढ़ोत्तरी के साथ हीं एल०
पी० जी० सब्सिडी से मुक्त करने का प्रावधान कर दिया जाए ।
11. मकान मालिक और किरायेदार के
बीच उपजे विवाद के कारण किरायेदार को तुरंत किराया के लिए मकान नहीं मिलने की
स्तिथि में सरकार द्वारा निर्मित एवं उपयुक्त भवन में सामान्य भुगतान पर तीन से छह महीनों के लिए शरण देने का प्रावधान बनाया
जाए ।
12. व अन्य उपयुक्त प्रावधान
अतः आपसे प्रार्थना है की अपनी-अपनी जवाबदेही,
क्षमता और क्षेत्राधिकार को गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए उपर्युक्त सुझावों को
समुचित व इमानदार प्रयासों के पश्चात जल्द से जल्द लागु किया जाए ।
आपका
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पत्रकार (हिंदी दैनिक अखबार)
सचीव (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ
बिहार)
सलाहकार (ऑनलाइन सर्व शिकायत)
निदेशक (राजनीतिक कोचिंग संस्थान)
कार्यकर्ता (बिहार राज्य सुचना का
अधिकार मंच)
कार्यकर्ता (बिहार मानवाधिकार संरक्षण
प्रतिष्ठान)
समाज सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान
घाट, पटना-800001, बिहार (भारत)
ईमेल:-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
आधार कार्ड
संख्या:-338811430082
CM, Bihar
16-2-2015 BPGRS Complaint Number- 99999-1602150113
DARPG 16-2-2015 Complaint
Number- DARPG/E/2015/017862
CM, Delhi 16-2-2015
Complaint Number- GNCTD/E/2015/008362
shrreman ji aapne kiraydaro ke shoshan ke liye ye patr likha hai
ReplyDeletelekin humara kiraydaro dwara shoshan kiya ja raha hai
humari dukano par jabran kabza kar rakha hai
abhi tak uski prashashan me koi bhi sunwai nahi hai me bahut koshish kar chuka hu prashashan pura chor hai koi bhi nahi sunta
-thanks for this good job
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