Saturday, 21 February 2015

निजी संस्थाओं में कर्मचारियों का पशुकरण ।

सेवा में,
श्रीमान् आयुक्त,
श्रम विभाग, पटना बिहार
दिनांक:-19 मार्च 2016
विषय:-श्रम विभाग द्वारा विभिन्न छापामारी दलों का गठन कर छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों में श्रम नियम-कानून की धज्जियाँ उड़ाने वालों के खिलाफ करवाई करने के सम्बन्ध में
महाशय,
निवेदनपूर्वक कहना है कि बिहार में विभिन्न श्रेणियों की निजी कर्मचारीयों की संख्या सरकारी कर्मचारियों की संख्या की तुलना में विशेष रूप से राज्य की नब्ज राजधानी पटना में कहीं अधिक है लेकिन पटना में निजी कर्मचारियों से बिल्कुल वैसे क्रूरतापूर्वक काम लिया जाता है जैसे इराक और सीरिया में बनाये गए बंधकों से काम लिया जाता है
अतः श्रीमान् से प्रार्थना है कि विभिन्न छापामारी दलों का गठन कर राजधानी पटना के तमाम छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों में छापामारी करवाकर निम्नलिखित उलंघन अवामननाओं के खिलाफ अखबार के माध्यम से औपचारिक चेतावनी के उपरांत कठोरतम कारवाई सुनिश्चित की जाये और श्रम अधिकार, मानवाधिकार, मौलिक अधिकार, कानूनी अधिकार का खुलेआम उलंघन अविलम्ब रोका जाए   
1.                 बिना रिक्तियों अस्पष्ट शर्तों के प्रकाशन के बहाली करना
2.                 नियुक्ति का अस्पष्ट या प्रमाण नहीं देना
3.                 नियत समय से पहले अकारण बिना चेतावनी/सुचना के स्थानांतरण निष्कासन करना
4.                 बैंक खाता में या प्रमाण के साथ समय पर वेतन नहीं देना
5.                 समय पर वेतन बढ़ोत्तरी नहीं विभिन्न भत्ता का भुगतान नहीं करना
6.                 बिना पूर्व सुचना के ओवरटाइम करने के लिए बाध्य करना
7.                 ओवरटाइम के लिए श्रम कानून द्वारा निर्धारित वेतन नहीं देना
8.                 प्रमाणित आकस्मात छुट्टी नहीं देना
9.                 मातृत्व-पितृत्व छुट्टी नहीं देना
10.            राष्ट्रीय राजकीय छुट्टियों के दिन बिना सहमति सेवा लेना
11.            साप्ताहिक अवकास का निर्धारण नहीं करना
12.            कर्मचारियों का चरित्र, पहचान और आवासीय प्रमाण की जांच नहीं करना
13.            कर्मचारियों के लिए हेल्पलाइन नंबर शिकायत माध्यम प्रदर्शित नहीं करना
14.            कर्मचारियों को विभिन्न सरकारी-लाभकारी योजनाओं से समय पर नहीं जोड़ना
15.            मूल-भूत सुविधाओं को उपलब्ध रख-रखाव नहीं करना
16.            अन्य अनिवायार्यतायों का उलंघन करना

प्रतिलिपि प्रेषित:-
1.     माननीय मुख्यमंत्री, बिहार
2.     माननीय श्रममंत्री, बिहार
3.     माननीय जिलाधिकारी, पटना
4.     माननीय प्रधान मंत्री, भारत
आपका विश्वासी
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पद्मा अवार्ड नॉमिनी (समाज सेवा श्रेणी)
पत्रकार (दैनिक हिंदी अखबार)
कार्यकारिणी सदस्य (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ़ बिहार)
कार्यकर्ता (सुचना का अधिकार)
कार्यकर्ता (मानव अधिकार)
सामाजिक सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान घाट,
थाना:-बुद्धा कॉलोनी, पटना-800001
ईमेल:-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
आधार संख्या:- 338811430082
   
CM, Bihar 19-3-16 BPGRS Complaint Number- 99999-1903160106

PMO 19-3-16 Complaint Number- PMOPG/E/2016/0090925







माननीय प्रधानमंत्री, हिंदुस्तान                         दिनांक:-21 फरवरी 2015

विषय:-निजी कंपनी, कार्यालय व संस्थानों में अनिवार्य रूप से सरकारी पद्दत्ति से रिक्तियां प्रकाषित करने, बहाली करने, प्रोन्नति देने, सेवा समाप्त करने व अन्य प्रक्रियाओं के सम्बन्ध में ।
महाशय,
आशापूर्वक कहना चाहता हूँ कि हिन्दुस्तान में नौकरी योग्य आबादी की तुलना में सरकारी नौकरियां नगण्य है विशेष कर राज्य और केंद्र की सरकारी प्रतिष्ठानों के निजीकरण या आंशिक निजीकरण के पश्चात् रोजगार की उपलब्धता बहुत तेज़ी से कम हुई है जिसके परिणामस्वरूप बेरोजगार स्वाभाविक रूप से निजी क्षेत्र का रुख कर रहे हैं । बड़ी-बड़ी निजी कंपनियां तो कुछ हद तक रिक्तियां प्रकाषित करने, बहाली करने, वेतन देने, कर्मचारियों से सेवा लेने, उनको प्रोन्नति देने, स्थानांतरण करने और सेवा समाप्त करने के लिए दिखावटी रूप से हीं सही पर कुछ नियमों का पालन करती है लेकिन मध्यम और सूक्ष्म स्तर की संस्थाएं, कर्मचारियों सम्बन्धी नियमों को तानाशाहिपुर्वक खुद तय करती है और सभी अधिकारों समेत श्रम अधिकारों को ठेंगा दिखाते हुए उसका पालन भी करती है लेकिन राज्य और केंद्र सरकारें कर्मचारियों के अधिकारों प्रति तनिक भी गंभीर नहीं दिखती है । आलम यह है कि मध्यम और सूक्ष्म स्तर की संस्थाओं में कर्मचारियों की संख्या बड़ी संस्थाओं की तुलना में कई गुना अधिक है लेकिन सरकारों की साहस और इच्छाशक्ति के आभाव में छोटी संस्थानों में कर्मचारियों के संवैधानिक, मानव, श्रम अधिकारों का सड़े-आम उलंघन होता है । छोटी संस्थानों में वैसे हीं लोग नौकरी-सह-गुलामी करने के लिए तैयार होते हैं जिनकी आर्थिक स्तिथि सामान्यरूप से जीने-खाने की भी नहीं होती है । चौतरफा शोषित कर्मचारी दो मुख्य कारणों से शिकायत व विरोध नहीं करते हैं, पहला नौकरी खोने का डर और दूसरा कानूनी प्रक्रिया से अत्यधिक विलम्ब से न्याय का मिलना जिसका नाजायज़ फायदा उठाकर नियोक्ता निर्भीक एवं निर्बाध तरीके से कानून लागु करने वालों की नाक के टेल कर्मचारियों का शोषण करते हैं ।
अतः श्रीमान् से प्रार्थना है कि निम्नलिखित अपराधों को कानून की गंभीर व गैरजमानती धाराओं में शामिल किया जाए और आदमी को जानवर बनाए जाने से रोका जाए ।

1.                 बिना रिक्तियों व अस्पष्ट शर्तों के प्रकाशन के बहाली करना ।
2.                 नियुक्ति का अस्पष्ट या प्रमाण नहीं देना ।
3.                 नियत समय से पहले अकारण व बिना चेतावनी/सुचना के स्थानांतरण ।
4.                 समय पर वेतन नहीं देना ।
5.                 समय पर वेतन बढ़ोत्तरी नहीं करना ।
6.                 बैंक अकाउंट में वेतन का भुगतान नहीं करना ।
7.                 बिना पूर्व सुचना के ओवरटाइम करने के लिए बाध्य करना ।
8.                 आकास्मक छुट्टी नहीं देना ।
9.                 मातृत्व-पितृत्व छुट्टी नहीं देना ।
10.            राष्ट्रीय व राजकीय छुट्टियों के दिन सेवा लेना ।
11.            कर्मचारियों का चरित्र, पहचान और आवासीय प्रमाण की जांच नहीं करना ।
12.            कर्मचारियों के लिए हेल्पलाइन नंबर प्रदर्शित नहीं करना ।
13.            कर्मचारियों को विभिन्न सरकारी-लाभकारी योजनाओं से समय पर नहीं जोड़ना ।
14.            मौलिक सुविधाओं को उपलब्ध व रख-रखाव नहीं करना
15.            व अन्य अनिवायार्यतायों का उलंघन करना ।

प्रतिलिपि प्रेषित;
1.     मुख्यमंत्री, बिहार और दिल्ली व अन्य सम्बंधित प्राप्तकर्तागण  ।

आपका देशवासी  
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पत्रकार (हिंदी दैनिक अखबार)
सचीव (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ बिहार)
सलाहकार (ऑनलाइन सर्व शिकायत)
निदेशक (राजनीतिक कोचिंग संस्थान)
कार्यकर्ता (बिहार राज्य सुचना का अधिकार मंच)
कार्यकर्ता (बिहार मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान)
समाज सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान घाट, पटना-800001, बिहार (भारत)
ईमेल:-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
आधार कार्ड संख्या:-338811430082
DARPG 21-2-15 Complaint Number-DARPG/E/2015/020264
CM, Delhi 21-2-15 Complaint Number-GNCTD/E/2015/009694
CM, Bihar 21-2-15 Complaint Number-GOVBH/E/2015/001134

CM, Bihar 24-2-15 Complaint Number-99999-2402150102

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