सेवा में,
माननीय प्रधान मंत्री,
हिंदुस्तान
माननीय मुख्यमंत्री, दिल्ली
दिनांक:-17 फ़रवरी 2015
विषय:-मोबाइल और इन्टरनेट
कंपनियों द्वारा निर्दोष जनता से राष्ट्रव्यापी नंगी लूट रोकने के सम्बन्ध में ।
महोदय,
मोबाइल और इन्टरनेट
कंपनियों द्वारा राजनीतिक पार्टियों को फंडिंग और बदले में राजनीतिक पार्टियों
द्वारा सरकार बनाने पर कंपनियों को लाभ पहुँचाने वाले निति और कानून बनाने के आरोप
और इन्कार के वावजूद मैं आपको यह जानकारी देना और शिकायत करना और चाहता हूँ कि देश
की कड़ोरों जनता मोबाइल फ़ोन का प्रयोग करती है और आपकी डिजिटल इंडिया के आहवाहन के
बाद प्रतिदिन इन्टरनेट यूजर्स की संख्या बढती जा रही है जिससे मोबाइल और इन्टरनेट
कंपनियों की कमाई भी लगातार बढती जा रही है लेकिन इस सच्चाई और लाभ के वावजूद
मोबाइल और इन्टरनेट कंपनिया वर्षों से महंगाई और गरीबी से जूझ रही जनता को लुटने
में कोई कसार नहीं छोड़ रही है जिसका परिणाम है कि आज देश और दुनिया के सबसे अमीर
उद्योगपतियों में मोबाइल और इन्टरनेट कंपनियों को चलाने वाले का नाम आता है । देश
में कड़ोरों मोबाइल और इन्टरनेट उपभोक्ता हैं जिसके कम से कम एक रूपये की लूट से
मोबाइल और इन्टरनेट कंपनियां पलक झपकते कड़ोरों रूपये आमिर हो जाती है लेकिन एक
रूपये की लूट के लिए जनता कंपनियों और दूरसंचार मंत्रालय से शिकायत नहीं करने
चाहती है, वे हमेशा मोटी रकम की लूट की शिकायत करते हैं जिसका साफ़ मतलब है कि
मोबाइल और इन्टरनेट कंपनियां पलक झपकते कड़ोरों नहीं बल्कि अरबों-खरबों रूपये आमिर
बनती है । मोबाइल और इन्टरनेट कंपनियों की नंगी लूट केवल अनपढ़ और व्यस्ततम जिंदगी
जीने वालों तक हीं सिमित नहीं है बल्कि वैसे लोगों तक भी है जो मोबाइल और इन्टरनेट
का उपयोग सतर्कतापूर्वक करते हैं । मुझे आशा हीं नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि
मोबाइल और इन्टरनेट कंपनियां देश के राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश प्रधान मंत्री,
राज्यपाल, और मुख्यमंत्रीयों का भी जेब काटती होगी । सभी परेशान और ठगे गए लोगों
के शिकायत करने पर भी कंपनियों द्वारा तैयार जवाब मिलता है की ग्राहक ने कॉल किया है
या इन्टरनेट का उपयोग किया है जिसको जांच करने की फुल-प्रूफ तकनीक न तो ट्राई के
पास है और ना हीं दूरसंचार मंत्रालय के पास है । ग्राहकों द्वारा दूरसंचार
मंत्रालय को शिकायत किये जाने पर मंत्रालय सम्बंधित कंपनी से रटा-रटाया जवाब ले
पाती है और उसे शिकायतकर्ता को बढ़ा कर शिकायत को रफा-दफा कर देती है जो इस बात को
प्रमाणित करती है की सरकार जनता का नहीं बल्कि देश की कंपनियों का प्रतिनिधित्व
करने के लिए है । पार्टी और सरकार अपने निजी लाभ के लिए जनता को इस कदर मोबाइल ओर
इन्टरनेट कंपनियों के वेश में लुटेरों का हाथों लुटते हुए नहीं देख सकती है ।
सरकार को बिजली कंपनियों के ग्राहकों की तरह मोबाइल और इन्टरनेट कंपनियों के ग्राहकों
को मोबाइल और इन्टरनेट उपयोग का स्वयं लेखा-जोखा रखने की तकनीक को जल्द से जल्द
अनिवार्य बनाये ताकि खपत की जानकारी और शिकायत के लिए ग्राहकों को लुटेरों पर
आश्रित नहीं रहना पड़े ।
अतः आपसे आशा है कि जल्द से
जल्द महंगाई और गरीबी से जूझ रही जनता को लुटता नहीं देखकर मोबाइल और इन्टरनेट खपत
की जांच के लिए कोई ठोस और कारगर तकनीक को अनिवार्य बनाते हुए मोबाइल और इन्टरनेट
कंपनियों जैसे लुटेरों पर लगाम लगाने की कृपा करें ।
प्रतिलिपि सभी माननीय
प्राप्तकर्तागण ।
आपका
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पत्रकार (हिंदी दैनिक अखबार)
सचीव (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ
बिहार)
सलाहकार (ऑनलाइन सर्व शिकायत)
निदेशक (राजनीतिक कोचिंग संस्थान)
कार्यकर्ता (बिहार राज्य सुचना का
अधिकार मंच)
कार्यकर्ता (बिहार मानवाधिकार संरक्षण
प्रतिष्ठान)
समाज सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान
घाट, पटना-800001, बिहार (भारत)
ईमेल:-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
आधार कार्ड
संख्या:-338811430082
DARPG 17-2-15
Complaint Number-DARPG/E/2015/018242
CM, Bihar
17-2-15 Complaint Number-99999-1702150113
CM, Delhi
17-2-15 Complaint Number-GNCTD/E/2015/008732
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