Thursday, 19 February 2015

सामूहिक बलात्कार की घटना सामाजिक नहीं शासकीय स्वार्थ का नतीजा !!!


सेवा में,
माननीय प्रधान मंत्री, हिंदुस्तान ।
माननीय राष्ट्रपति, भारत ।
दिनांक:-19 फ़रवरी 2015
विषय:-सामूहिक बलात्कार को अध्यादेश के जरिये कानून लाकर समाप्त करने के सम्बन्ध में ।
महाशयगण,
आप दोनों को बिहार, भारत में सभी तरह के अपहरण रोकने के लिए मुख्यमंत्री और डी०जी०पी० को अनिवार्य रूप से कमान संभालने सम्बन्धी 23, 25-1-2015 और 2, 6-2-2015 को भेजे गए पत्र पर आपके दखल का परिणाम है कि पिछले कुछ दिनों से अपहरण की घटनाओं पर अचानक रोक लगी है और अखबार में एक भी अपहरण सम्बन्धी समाचार पढने को नहीं मिला है जो इस बात को प्रमाणित करता है कि अपराध नियंत्रण तकनिकी, संवैधानिक या कोई अन्य विषय नहीं बल्कि जिम्मेदार अधिकारीयों की पसंद और नापसंद पर निर्भर करता है ।
लेकिन सामूहिक बलात्कार के आरोपियों का अनिवार्य स्पीडी ट्रायल और निर्धारित सजा के बाद सामूहिक बलात्कारियों का अनिवार्य रूप से नसबंदी कराना और उसके चेहरे, हाँथ या ललाट पर बलात्कारी शब्द का लिखना अधिकारीयों की पसंद या  नापसंद पर निर्भर नहीं करता है इसके लिए देश को कानून की आवश्यकता है । मैंने देश के प्रधान मंत्री को 8-11-2014 को एक पत्र लिखा था जिसमे उक्त मांग की थी और सम्बंधित मंत्रालय द्वारा उसपर विचार किया जा रहा था किन्तु आपके अध्यादेश के खिलाफ भाषण के बाद देश की आधी आबादी (महिला) के संतोषजनक सुरक्षा को जोरदार तमाचा और विराम लगा है ।
देश की पुलिस और प्रशासन व अन्य के शौक, पसंद, अस्तित्व और महत्व की सुरक्षा के लिए हम सामूहिक बलात्कार जैसी जघन्य अपराध को उस तरह की छूट नहीं दे सकते हैं जैसा की कुछ कट्टर देशों में दी जाती है और ना हीं हम अपने देश के संविधान की तुलना उन अमानवीय देशों की संविधान से करने की गलती कर सकते हैं जिसमें महिलाओं की तुलना किसी रैपर से की जाती है ।
अतः आपसे प्रार्थना है कि कम से कम देश की आधी आबादी (महिला) को जघन्य सामाजिक, मानसिक, शारीरिक, आर्थिक, मानवीय एवं संवैधानिक प्रताड़ना से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार को अध्यादेश के जरिये उक्त कानून लाने की अनुमति दी जाए क्योंकि आपका निजी सम्बन्ध भी किसी महिला से बाप, भाई, बेटा, पति, दादा और नाना का है । अखबार पढ़कर मुझे ऐसा लगता है की उक्त जघन्य अपराध मेरे हीं परिवार के साथ मेरे हीं घर में हो रहा है ।
अनुलग्नक;
1.     अखबार में एक दिन में छपी सामूहिक बलात्कार की अनेकों घटना और अमानवीय प्रतिक्रिया की छाया प्रति ।

प्रतिलिपि प्रेषित:-सभी माननीय प्राप्तकर्तगण
आपका
ह०/-प्रभाष चन्द्र शर्मा
पत्रकार (हिंदी दैनिक अखबार)
सचीव (जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ बिहार)
सलाहकार (ऑनलाइन सर्व शिकायत)
निदेशक (राजनीतिक कोचिंग संस्थान)
कार्यकर्ता (बिहार राज्य सुचना का अधिकार मंच)
कार्यकर्ता (बिहार मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान)
समाज सुधारक
पता:-पत्रकार सदन, पहलवान घाट, पटना-800001, बिहार (भारत)
ईमेल:-vikaschandrabudha@yahoo.co.in
आधार कार्ड संख्या:-338811430082

DARPG 19-2-15 Complaint Number-DARPG/E/2015/01890
President 19-2-15 Complaint Number-PRSEC/E/2015/01641
CM, Delhi 19-2-15 Complaint Number-GNCTD/E/2015/00912
CM, Bihar 19-2-15 Complaint Number-99999-1902150106

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